महात्मा गांधी महात्मा गांधी
अर्श से बापू ने जब फर्श पे आकर, था रहना सदा को स्वीकार किया। अर्श से बापू ने जब फर्श पे आकर, था रहना सदा को स्वीकार किया।
एक मशाल बुझ तो गई मगर क्षितिज पर सूरज निकल आया था.. एक मशाल बुझ तो गई मगर क्षितिज पर सूरज निकल आया था..
समाहित है स्वयं के ही अंदर, गांधी तो एक युग है, कोई नहीं समानांतर। समाहित है स्वयं के ही अंदर, गांधी तो एक युग है, कोई नहीं समानांतर।
परमात्मा के बाद वो महान आत्मा है गांधी भारत का जो सदैव महात्मा हैं ! परमात्मा के बाद वो महान आत्मा है गांधी भारत का जो सदैव महात्मा हैं !
सीख देने से पहले यह, खुद ही करके दिखलाए। सीख देने से पहले यह, खुद ही करके दिखलाए।